Justice Manmohan Appointment: सुप्रीम कोर्ट को मिले नए जज, जस्टिस संजीव खन्ना ने दिलाई जस्टिस मनमोहन को शपथ
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Justice Manmohan Appointment: सुप्रीम कोर्ट में 5 दिसंबर (गुरुवार) को नए जज की नियुक्ति की गई। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस मनमोहन को उनके पद की शपथ दिलाई। जस्टिस मनमोहन अब तक दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे। राष्ट्रपति ने 3 दिसंबर को उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी थी।
जस्टिस मनमोहन की नियुक्ति
जस्टिस मनमोहन 2008 से दिल्ली हाई कोर्ट के जज रहे थे। 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनकी नियुक्ति की सिफारिश केंद्रीय सरकार से की थी। अब तक सुप्रीम कोर्ट में 34 स्वीकृत जजों में से 2 पद खाली थे। यह पद जस्टिस हीमा कोहली और चीफ जस्टिस के रिटायर होने के कारण खाली हुए थे। जस्टिस मनमोहन की नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 33 हो गई है।
जस्टिस मनमोहन का व्यक्तिगत जीवन
जस्टिस मनमोहन का जन्म 17 दिसंबर 1962 को हुआ था। वह जम्मू और कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री जगमोहन के बेटे हैं। जस्टिस मनमोहन की शिक्षा दिल्ली के मोर्डन स्कूल से हुई थी, और उन्होंने 1987 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की थी।
वकील से जज बनने तक का सफर
जस्टिस मनमोहन ने 16 साल तक वकालत की थी और 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें सीनियर वकील का दर्जा दिया। एक वकील के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में काम किया, जिनमें दाभोल पावर और हैदराबाद निजाम के खजाने से जुड़ा मामला प्रमुख है। 2008 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया। 2009 में वे स्थायी जज बने। नवंबर 2023 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का कार्यवाहक चीफ जस्टिस बनाया गया और इस साल सितंबर में वह दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने।
दिल्ली हाई कोर्ट में विदाई समारोह में जस्टिस मनमोहन ने कही बड़ी बात
दिल्ली हाई कोर्ट में जज रहते हुए जस्टिस मनमोहन ने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कई अहम आदेश दिए। 4 दिसंबर को हाई कोर्ट में उनके विदाई समारोह के दौरान उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा न्यायिक प्रणाली में लोगों का विश्वास बनाए रखने की कोशिश की है। न्यायिक प्रणाली की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि लोग इसमें कितना विश्वास करते हैं।” इस वक्तव्य ने उनके समर्पण और न्यायपालिका में विश्वास को दर्शाया।
जस्टिस मनमोहन की नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट में नया मुकाम
जस्टिस मनमोहन की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी कानूनी और न्यायिक विशेषज्ञता से सुप्रीम कोर्ट को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। उनका कार्यकाल दिल्ली हाई कोर्ट में बहुत ही प्रभावशाली रहा है, और उनकी नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट में न्याय की प्रक्रिया को और अधिक सशक्त बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।
जस्टिस मनमोहन की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति न्यायिक प्रणाली में एक नया अध्याय शुरू करती है। उनके द्वारा किए गए कार्य और न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें एक योग्य और समर्पित न्यायाधीश के रूप में प्रस्तुत करती है। उनकी विदाई से जुड़े उनके विचार और सुप्रीम कोर्ट में उनकी नियुक्ति से भारतीय न्यायपालिका को मजबूती मिलेगी, जो न्याय की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।